रुड़की : मत्स्य क्षेत्र में व्यापार की कई संभावनाएं हैं। मत्स्य पालन से जहां रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं वहीं जल संचय भी हो रहा है। जो कि आज की जरूरत है। किसानों को चाहिए कि वह खेती-बाड़ी के साथ-साथ मत्स्य पालन का भी काम करें। जिससे जल संचय हो सके। साथ ही खेती के साथ उन्हें अतिरिक्त लाभ भी मिल सके।
बुधवार को ग्राम थीथीकी कवायदपुर में आयोजित मत्स्य पालक गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मत्स्य पालन करने से किसान जल संचय भी करेगा। जिसकी आज सभी को जरूरत है।
मत्स्य पालन करने से कई अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। उन्होंने नर्सरी, तालाब, मत्स्य बीज संचय करने के साथ ही बत्तख हैचरी का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन का कार्य भी करना चाहिए। इससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होगी।
क्षेत्र में जल संचय होने से भूजल का स्तर भी बेहतर बना रहेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता नेपाल सिंह कश्यप ने की। कार्यक्रम में भाजपा मंडल अध्यक्ष अंकित कपूर, जिला सहकारी बैंक चेयरमैन प्रदीप चौधरी, भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी बाबू राम थीथकी, यूपी सिंह, सीनियर मत्स्य निरीक्षक योगेंद्र पुंडीर, नरेंद्र कुमार, विजयपाल, मनदीप कुमार, धर्मेंद्र, रवींद्र, पप्पू राम, वेदपाल, ओमपाल, सतपाल, जोगिंदर, जयपाल सिंह आदि लोग मौजूद रहे।
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