नई दिल्ली (आरएनएस)। केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में बताया कि उसने पिछले 3 साल में 1,524 अवैध जुआ, सट्टेबाजी वेबसाइट और मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह जानकारी तेलुगु देशम पार्टी के सांसद कृष्ण प्रसाद टेनेटी द्वारा उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में दी है। जुआ वेबसाइट्स और ऐप पर प्रतिबंध वर्ष 2022 से 2025 के बीच लगाए गए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रश्न के जवाब में कहा, 2022 से जून 2025 तक, सरकार ने ऑनलाइन सट्टेबाजी, जुआ, गेमिंग वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन से संबंधित 1,524 ब्लॉकिंग निर्देश जारी किए हैं। प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह प्रतिबंध अपनी नीतियों के तहत उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट सुनिश्चित करने के लिए लगाया है। बता दें, विदेशी ऑनलाइन जुआ प्लेटफार्म भारतीय कर नियमों या स्थानीय विनियमों का पालन नहीं करते हैं।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना होता है, जिसके बाद वे यहां कारोबार कर सकती हैं। इसका पालन न करने पर उन्हें प्रतिबंधित किया जाता है। केंद्र ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगाती है। केंद्र ने जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और आईजीएसटी अधिनियम के तहत अपंजीकृत ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित करने का निर्देश देने को अधिकृत किया है।
प्रवर्तन निदेशालय एक अलग मामले में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है, जिसमें गूगल और मेटा के अधिकारियों को तलब किया गया है। प्लेटफॉर्म पर प्रचार के लिए कई वेबसाइटों पर विज्ञापनों का इस्तेमाल का आरोप है।
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