अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान में मनोरोग के मरीजों को भी लाभ मिलेगा। मनोरोग भी अन्य रोगों की तरह सामान्य रोग है जिसका अन्य रोगों की तरह इसका उपचार संभव है। यह बात संस्थान के प्राचार्य डॉ. सी पी भैसोड़ा ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में डिप्रेशन, एंग्जाइटी, स्किजोफ्रेनिआ के मरीज अक्सर झाड़ फूंक कराते हैं लेकिन यह उपचार नहीं है। मनोचिकित्सक से परामर्श करने से ही ऐसी समस्याओं में सहायता मिलेगी। मनोरोग का कारण जेनेटिक अथवा परिस्थितिजन्य दोनों में से कोई भी हो सकता है। तनाव की स्थिति में यह अधिक होता है। डॉ भैसोड़ा ने बताया कि नशा भी मनोरोग का कारण बनता है। नशे के चलते नशे का आदी व्यक्ति अपराध की ओर बढ़ता है। वार्ता में असिस्टेंट प्रोफेसर मनोचिकित्सक डॉ वीना ने बताया कि मनोरोग के मामलों में अधिकांश लोग जादूटोना, झाड़ फूंक को उपचार समझते हैं और मनोचिकित्सक के पास देर से पहुँचते हैं। उन्होंने बताया कि अब लोगों में जागरूकता आ रही है और लोग इस विषय को समझते हुए मनोचिकित्सक के पास आ रहे हैं। उन्होंने बताया मानसिक परेशानियों का मुख्य कारण तनाव है और तनाव से दूर रहकर काफी हद तक मनोरोग से बचा जा सकता है। यहाँ पत्रकार वार्ता में डॉ. अनिल पांडे, डॉ अमित, डॉ अशोक, डॉ आयुषी जंगपांगी मौजूद रहे।
अन्य रोगों की भांति मनोरोग का भी उपचार संभव है: डॉ. भैसोड़ा
