अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय और नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान, पिथौरागढ़ के बीच मंगलवार को शैक्षणिक एवं शोध सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस करार के तहत दोनों संस्थानों के बीच शोध, शिक्षा और अकादमिक गतिविधियों को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाया जाएगा। एमओयू के बाद दोनों संस्थानों के शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को शोध कार्यों में सहयोग, फैकल्टी एवं मानव संसाधन के आदान-प्रदान, प्रयोगशाला सुविधाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कॉन्फ्रेंस और सेमिनारों के आयोजन, शोध पत्रों के प्रकाशन, शोध निर्देशन, फील्ड प्रोजेक्ट और इंटर्नशिप जैसी सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, पर्यावरण अभियांत्रिकी, भारी धातुओं के जैव-अवशोषण और अधिशोषण, जल रसायन विज्ञान और जल-भू रसायन विज्ञान, सौर भौतिकी, विभेदक ज्यामिति, फजी लॉजिक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, उन्नत आईओटी आधारित अनुसंधान, डेटा विश्लेषण तथा बुनियादी विज्ञान और इंजीनियरिंग से जुड़े अन्य विषयों पर संयुक्त अनुसंधान किया जाएगा। एमओयू को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति सतपाल सिंह बिष्ट ने इसे दोनों संस्थानों के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि इस सहयोग से सेमिनार, संगोष्ठी और व्याख्यानों का नियमित आयोजन संभव होगा, जिसमें अकादमिक सदस्य, विद्यार्थी और शोधार्थी भाग ले सकेंगे। इससे भविष्य में शोध और शैक्षणिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी। समझौता ज्ञापन पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति सतपाल सिंह बिष्ट और नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान की ओर से निदेशक अजित सिंह ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव देवेंद्र सिंह बिष्ट और सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान के कुलसचिव लेफ्टिनेंट (डॉ) हेमंत कुमार साक्षी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आईक्यूएसी निदेशक सुशील कुमार जोशी, मीडिया प्रभारी ललित जोशी, वैयक्तिक सहायक विपिन जोशी और गोविंद मेर भी मौजूद रहे।
