अल्मोड़ा। मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति और उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कास्ट) मानसखंड साइंस सेंटर, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे 25 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की अगली कड़ी के रूप में ग्राम छाना में मौन पालन (मधुमक्खी पालन) प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। इस चरण में 20 महिलाओं को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्वावलंबी महिला उद्यमी कमला भंडारी रहीं, जो स्वयं इस प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका भी हैं। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को मधुमक्खी पालन के महत्व और इसके उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में आर्थिक और पारिस्थितिक लाभों के बारे में जानकारी दी। संस्था के सचिव कमल पांडे ने कहा कि मधुमक्खियां जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इनके बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है। ग्राम प्रधान कमल अधिकारी ने महिलाओं को इस तरह के प्रशिक्षणों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। संस्था के अध्यक्ष हेमंत कुमार जोशी ने बताया कि संस्था इस वर्ष अपनी रजत जयंती मना रही है, जिसके अंतर्गत पूरे वर्षभर महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के आगामी चरणों में जूट से बैग बनाना और पीरुल से कोयला निर्माण जैसे विषय शामिल होंगे। इस अवसर पर संस्था की सदस्य नमिता टम्टा, कविता ढैला सहित स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
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