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छावला रेप केस में दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगी दिल्ली सरकार

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दी मंजूरी

नई दिल्ली (आरएनएस)। दिल्ली सरकार छावला गैंगरेप-हत्या में 3 दोषियों की रिहाई और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्नविचार याचिका दायर करेंगी।  दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2012 के बलात्कार और हत्या के एक मामले में तीन दोषियों को बरी करने के खिलाफ आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा एक पूर्नविचार याचिका दायर करने की आज मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद प्रीता के मां बाप के साथ भाजपा के राज्यसभा सदस्य और मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्ण विचार याचिका दिल्ली सरकार के द्वारा डालने के संबंध में मुलाकात की। मामले का प्रतिनिधित्व करने के लिए एसजी तुषार मेहता और अतिरिक्त एसजी ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है। छावला गैंगरेप-हत्या में सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर के शुरुआती सप्ताह में आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाया। पीडि़ता का क्षत-विक्षत शव घटना के तीन दिन के बाद बरामद किया गया था। शरीर पर गहरे जख्म मिले थे। इस घटना पर निचली अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया था। छावला में 11 साल पहले 18 साल की युवती को दरिंदों ने सरेआम अगवा कर लिया था। चलती कार में वो वहशी दरिंदे घंटों तक उसके जिस्म को नोचते रहे। मुंह पर कसती हथेलियां और जिस्म पर पड़े बोझ के बीच चीखें घुटती रहीं सांस थमती रही। उसकी आत्मा तक तड़प उठी लेकिन इन दरिंदों की आत्मा नहीं डोली। कोर्ट ने इंसाफ के दुश्मन बने इन लापरवाह पुलिस वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई का फरमान जारी करने के बजाय अपने फैसले में ये कहा कि अदालतें सबूतों पर चलकर फैसले लेती है ना कि भावनाओं में बहकर फैसला देती है।