देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड में आयोजित हुए राष्ट्रीय खेलों में शामिल रहे 11 खिलाड़ियों के डोपिंग में फंसने के बाद सोमवार को राज्य में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने बताया कि डोप में फंसे खिलाड़ियों को बेगुनाही साबित करने का एक मौका दिया जाएगा और उसमें भी डोपिंग साबित होने पर खिलाड़ियों को एक से चार साल का प्रतिबंध लग जाएगा। विदित है कि राज्य में 25 जनवरी से 14 फरवरी तक 38 वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ था। इन खेलों में 33 राज्यों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया और उत्तराखंड को कुल 103 पदकों के साथ पदक तालिका में सातवां स्थान हासिल हुआ था। राज्य के दो खिलाड़ी भी डोपिंग के दोषी पाए गए हैं जिनमें से एक वूशु के पदक विजेता भी हैं। ऐसे में अब राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका गड़बड़ाने और राज्य के पदक कम होने का भी खतरा पैदा हो गया है।
हालांकि उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डीके सिंह ने कहा कि जो खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में फेल हुए हैं उन्हें नाडा में अपना पक्ष रखने का एक मौका और दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की अपील पर नाडा एक बार फिर जांच करेगा और उसमें भी खिलाड़ियों के दोषी पाए जाने पर उन्हें एक से चार साल का प्रतिबंध झेलना पड़ेगा। डीके सिंह ने बताया कि यदि ऐसा होता है तो फिर पदक तालिका में बदलाव हो सकता है।
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