देहरादून(आरएनएस)। ईएसआई के जिला स्तर पर खोली गई डिस्पेंसरियों के आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शासन स्तर से आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं को विस्तार न मिलने से निदेशालय ने लिखित रूप से इनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया है। हालांकि शासन से मंजूरी मिलने की प्रत्याशा में कर्मचारियों को मौखिक रूप से काम जारी रखने को कहा गया है। एक साल पहले जिलों में ईएसआई की डिस्पेंसरियों को विस्तार दिया गया। इन डिस्पेंसरियों में आउटसोर्स पर फार्मासिस्ट, कनिष्ठ सहायक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, वाहन चालकों को तैनात किया गया। एक साल से यही आउटसोर्स कर्मचारी इन डिस्पेंसरियों का जिम्मा संभाले हुए हैं। इन कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त होने से पहले ईएसआई निदेशालय की ओर से इनके पदों को विस्तार देने का प्रस्ताव शासन को भेजा।
शासन में एक महीने से इस प्रस्ताव को बुरी तरह उलझा कर रख दिया गया। अनुभाग से लेकर उच्च स्तर तक फाइल उलझती रही। इस उलझन के कारण 31 मार्च गुजर गई और शासन स्तर से कर्मचारियों की सेवाओं को विस्तार देने की फाइल मंजूर नहीं हो पाई। ऐसे में निदेशालय ने इन कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने का आदेश जारी किया। इस आदेश के होते ही शासन स्तर पर हड़कंप मच गया। उच्च स्तर से गहरी नाराजगी जताने के बाद दोबारा शासन स्तर पर फाइल दौड़ा दी गई है। इधर निदेशालय स्तर से कर्मचारियों को मौखिक रूप से काम जारी रखने को कहा गया है।
विभागीय ढांचे मे नियमित पद के सापेक्ष रखे गए आउटसोर्स कार्मिकों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त हो गईं हैं। पूरे विभाग में आउट सोर्स के माध्यम से तैनात कार्मिकों की संख्या 75 प्रतिशत से भी अधिक है। ये प्रकरण शासन स्तर पर गतिमान है। ऐसे में शासन से अनुमति मिलने की प्रत्याशा में कर्मचारियों की सेवाओं को यथावत रखा जा रहा है। कार्मिकों को मौखिक रूप से सूचित कर दिया गया है। -दीप्ति सिंह, निदेशक ईएसआई