एचएमपीवी के खौफ के बीच अब आया गंजा करने वाला वायरस

नई दिल्ली (आरएनएस)। भारत सहित दुनिया के कई देश इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का संक्रमण का खौफ झेल रहे है। एचएमपीवी भारत के करीब आठ राज्यों में फैल गया है। इस बीच देश में एक और ‘रहस्यमयी’ वायरस का खतरा बढ़ रहा है। खबर है कि इस वायरस से संक्रमण के शिकार लोग गंजे हो रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में लोगों ने असामान्य और विचित्र स्वास्थ्य समस्या को लेकर जानकारी दी है। इसे अनौपचारिक रूप से ‘बाल्डनेस वायरस’ कहा जा रहा है। ज्यादातर लोगों ने बताया है कि उनके बाल बहुत तेजी से झड़ने लगे हैं, कुछ लोग तो कुछ ही दिनों के भीतर पूरी तरह से गंजे हो गए हैं। खबरों के मुताबिक अब तक इससे 150 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। आसपास के कई गांव में भी लोगों में इस तरह के लक्षण देखे गए हैं।
इस तरह की बढ़ती समस्या ने लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या देश में कोई और नया वायरस आ गया है?

महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में फैल रही इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम अलर्ट पर है। बाल, खोपड़ी और नाखून के सैंपल की जांच के आधार पर टीम ने इसे फंगल इंफेक्शन के कारण होने वाली समस्या मानने से इनकार किया है। हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञों और अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ये केवल प्रारंभिक निष्कर्ष हैं और समस्या के बारे में आगे के विश्लेषण की आवश्यकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र में बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय आयुष और स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शनिवार को कई गांवों का दौरा किया। उन्होंने कहा, यह निश्चित ही एक असामान्य स्थिति है लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक और आयुर्वेद-यूनानी और एलोपैथी सहित विभिन्न चिकित्सा प्रणालियों के विशेषज्ञ विस्तृत शोध और निदान करेंगे जिससे इसके बारे पता लगाया जा सके।
अब तक की जानकारियों के मुताबिक लोगों को सिर के आसपास खुजली की दिक्कत होने के बाद बाल झड़ने की समस्याओं का अनुभव हुआ। इस विचित्र स्थिति ने स्थानीय निवासियों को भयभीत कर दिया है। बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों को ये डर भी सताने लगा है कि कहीं

कोई नया वायरस तो नहीं आ रहा है?
इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स ने संकेत दिया था कि यह स्थिति संभवत: दूषित पानी, फंगल इंफेक्शन या कुछ रसायनों या सौंदर्य प्रसाधनों के साइड इफेक्ट्स से जुड़ी हो सकती है। रिपोर्ट में इस क्षेत्र के भूजल में फ्लोराइड के उच्च स्तर का संकेत दिया है, जो संभावित रूप से इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
विशेषज्ञों की टीम ने कहा फिलहाल ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि बढ़ती समस्या की मुख्य वजह क्या है, हालांकि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तब तक सभी लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। त्वचा विशेषज्ञों ने मरीजों की जांच की है और बालों के झड़ने के कारण की जांच के लिए स्किन सैंपल टेस्ट के लिए भेजे हैं। अभी भी इस स्थिति को समझने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

Harish Tripathi

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