रुड़की(आरएनएस)। आईआईटी रुड़की में प्रो. रंजना पठानिया के नेतृत्व में शोध दल ने एक महत्वपूर्ण खोज की है। ए बाउमानी मेरोपेनम एक ऐसा एंटीबायोटिक है जो संक्रमण का सामना करता है। अरसलान हुसैन, टिम्सी भांडो, अनंत कैसियस और रिंकी गुप्ता की टीम ने पाया कि ए. बाउमानी की पर्सिस्टेंट कोशिकाएं अपनी झिल्ली के गुणों और ऊर्जा संचयन को बदल देती हैं। इससे उनकी एंटीबायोटिक सहनशीलता बढ़ जाती है। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा कि एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध एक गंभीर वैश्विक चुनौती है। आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन दर्शाता है कि प्राकृतिक यौगिकों सहित नवीन दृष्टिकोण किस तरह से लगातार होने वाले संक्रमणों पर काबू पाने में योगदान दे सकते हैं। यह हमारे संस्थान की शोध के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान करता है।
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