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हंस आजीविका परियोजना के तहत ढींगरी मशरूम उत्पादन से किसानों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल


अल्मोड़ा। जनपद के हवालबाग ब्लॉक में हंस आजीविका परियोजना के तहत द हंस फाउंडेशन ग्रामीण किसानों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विशेष पहल कर रहा है। इस परियोजना के माध्यम से 50 गांवों में आजीविका संवर्धन के उद्देश्य से किसानों के साथ कार्य किया जा रहा है। फाउंडेशन ने विशेष रूप से चार गांवों बिन्तोला मल्ला, वलसा, मनाऊ, और पठुरा में 32 लाभार्थियों को ढींगरी मशरूम उत्पादन की यूनिट स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया है। इन यूनिट्स की स्थापना के लिए द हंस फाउंडेशन ने किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी जानकारी, और आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई। इस पहल के तहत अब तक 150 किलोग्राम से अधिक ढींगरी मशरूम का उत्पादन किया जा चुका है, जिसे स्थानीय और निकटवर्ती बाजारों में बेचा गया है। फाउंडेशन के इस प्रयास से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक नई राह मिली है। ढींगरी मशरूम उत्पादन की यह पहल न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार ला रही है। इस परियोजना से जुड़े किसान अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने न केवल अपनी आय बढ़ाई है, बल्कि फाउंडेशन से प्राप्त तकनीकी ज्ञान और अनुभव से भविष्य में खेती और उद्यमिता के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता की। द हंस फाउंडेशन का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के साधनों को बढ़ावा देकर स्थानीय किसानों को सशक्त बनाया जाए। इस पहल के तहत फाउंडेशन भविष्य में और भी गांवों में विस्तार की योजना बना रहा है, ताकि अधिक से अधिक किसान इस स्वरोजगार मॉडल का लाभ उठा सकें।

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