उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को बढ़ावा देने वाले पहले कलाकार बने ‘लोक कला साधक सम्मान 2025’ के प्राप्तकर्ता
अल्मोड़ा, — उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति को चार दशकों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने वाले वरिष्ठ लोककलाकार एवं संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति, अल्मोड़ा के निदेशक प्रकाश सिंह बिष्ट को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है।
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला द्वारा आयोजित 15वें राष्ट्रीय शिल्प मेले में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उन्हें ‘लोक कला साधक सम्मान 2025’ प्रदान किया। सम्मान स्वरूप उन्हें रजत पट्टिका तथा ₹2,50,000 की पुरस्कार राशि भेंट की गई।
यह प्रतिष्ठित सम्मान देशभर में लोक कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चुनिंदा कलाकारों को ही प्रदान किया जाता है। गौरतलब है कि प्रकाश सिंह बिष्ट उत्तराखंड के पहले लोक कलाकार हैं, जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है, जिससे पूरे प्रदेश में हर्ष और गर्व की लहर है।
विगत 40 वर्षों से प्रकाश बिष्ट उत्तराखंड की पारंपरिक लोककलाओं को नई पहचान दिला रहे हैं। उन्होंने देश-विदेश के अनेक मंचों पर राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले भी वे कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।
अपने सम्मान को बेहद भावनात्मक बताते हुए प्रकाश सिंह बिष्ट ने इसे अपनी माता को समर्पित किया, जिनका इसी वर्ष सितंबर माह में निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उनकी माता की प्रेरणा और आशीर्वाद का परिणाम है।
यह उपलब्धि न सिर्फ प्रकाश बिष्ट के योगदान का सम्मान है, बल्कि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की समृद्ध परंपरा का भी गौरवपूर्ण क्षण है।
