लखनऊ। मोहन रोड स्थित प्रदेश सरकार द्वारा अनुदानित निर्वाण रिहैब सेंटर में मंगलवार को मानसिक रूप से कमजोर 22 किशोर-किशोरियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सभी को तुरंत लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान एक किशोरी ने मंगलवार को तथा एक अन्य ने बुधवार को दम तोड़ दिया। पांच बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 15 का इलाज जारी है।
प्राथमिक जांच में फूड प्वाइजनिंग और पानी में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि सभी बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण थे। मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, जिससे मौत के सटीक कारणों का पता चल सके। वहीं, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सेंटर से भोजन एवं पानी के 10 नमूने लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए फास्ट ट्रैक लैब भेजा गया है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। यदि लापरवाही साबित होती है, तो संस्था के संचालक व अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दही-खिचड़ी से बिगड़ी तबीयत?
मंगलवार सुबह सेंटर में रहने वाले कुछ बच्चों को उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। थोड़ी ही देर में 12 किशोर और 10 किशोरियों की हालत गंभीर हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, किशोरियों को दही और खिचड़ी परोसी गई थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। यह जांच का विषय है कि सामान्य आहार से इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की हालत कैसे बिगड़ी। सेंटर में कुल 146 बच्चे निवास कर रहे हैं, जिससे इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
(आरएनएस)
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