चमोली(आरएनएस)। सूचना शिक्षा संचार तथा अधिगम शिक्षण सामग्री विकसित करने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के समन्वयक गोपाल कपरूवाण ने बताया कि एक तस्वीर हजारों शब्दों को बयान कर देती है और एक कार्यशील अधिगम शिक्षण सामग्री बच्चे के मस्तिष्क में कई चित्र जोड़ती है। तीन से नौ वर्ष की आयु में बच्चे के मस्तिष्क में तंत्रिका कनेक्शन तेजी से विकसित होते हैं। इस उम्र में बच्चे जितने अधिक संवेदी अंगों का उपयोग करते है व उनके दिमाग में सीखना काफ़ी हद तक स्थायी होता है। इस दौरान आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करने के लिए निपुण भारत मिशन के अंतर्गत अधिगम शिक्षण सामग्री और सूचना शिक्षा संचार कार्यशाला में प्रतिभागियों ने अधिगम शिक्षण सामग्री का प्रस्तुतीकरण भी किया।
डायट स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पांच अधिगम शिक्षण सामग्री गणित में सीमा नौटियाल, किरन सैंजवाल, बबीता नेगी, विनीता, विनोद रौतेला राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौण्डी पोखरी के मॉडल चयनित किए गए l हिंदी भाषा में श्वेता रावत, पूनम दानू, रजनी नेगी, अलका शाह तथा बीना वशिष्ठ के मॉडल चयनित हुए। यह सभी प्रतिभागी राज्य स्तर पर जनपद का प्रतिनिधित्व करेंगे। रविंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह, सुबोध डिमरी, पानू चौहान ने मूल्यांकन प्रक्रिया में निर्णायक की भूमिका निभाई। इस मौके पर संस्थान के प्रभारी प्राचार्य राजेंद्र मैखुरी, गोपाल कपरुवान आदि थे।
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