रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने 22 जनवरी को बदरी केदार मंदिर समिति से संबंधित समस्त कार्य पर्यटन विभाग को स्थानांतरित किए जाने के शासनादेश का विरोध किया है। ऊखीमठ में तीर्थ पुरोहितों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस बावत ज्ञापन भी दिया है। जिसमें तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है, तो सभी तीर्थ पुरोहित उसका स्वागत करेंगे। साथ ही कहा कि उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों को हम कभी भी पर्यटक स्थल बनने नहीं देंगे। सीएम को दिए ज्ञापन में तीर्थपुरोहितों ने कहा कि भारतवर्ष के 12 ज्योर्तिलिंग व चारधाम पौराणिक काल से धार्मिक भावना के प्रतिक रहे हैं। ऐसे में किसी की धार्मिक भावना को राज्य सरकार की मंशा पर प्रशनचिह्न प्रतीत होता है। राज्य सरकार अन्य पर्यटक स्थलों जैसे मसूरी, नैनीताल, औली आदि को पर्यटक स्थल के रुप में विकसित कर सकती है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि केन्द्र या राज्य सरकार की इसी प्रकार की मंशा रहेगी कि धार्मिक स्थलों की महत्ता को समाप्त कर इन धार्मिक स्थलों को पर्यटक स्थल बना दिया जाए तो इसका समस्त तीर्थपुरोहित, चारधाम महापंचायत के साथ ही भारतवर्ष के समस्त तीर्थ पुरोहित एकमत होकर घोर विरोध के लिए मजबूर होंगे। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। ज्ञापन देने वालों में केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, केशव तिवारी, मीडिया प्रभारी पंकज शुक्ला, संतोष त्रिवेदी, तेज प्रकाश तिवारी सहित कई तीर्थ पुरोहित शामिल थे।
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