अल्मोड़ा। विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में स्वच्छता ही सेवा अभियान 2025 के दूसरे दिन अपशिष्ट से संपदा विषय पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक लक्ष्मी कान्त ने की। आयोजन का उद्देश्य अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाना, स्वच्छ और स्वस्थ कार्यस्थल की अवधारणा को मजबूत करना तथा बच्चों के माध्यम से स्वच्छ भारत के संदेश को आगे बढ़ाना रहा। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र मटेला, अल्मोड़ा के प्रभारी चन्द्रेश तिवारी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर निदेशक लक्ष्मी कान्त ने कहा कि स्वच्छता केवल परिसर की सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सोच, कार्य संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण पर विशेष जोर दिया। विशेष अतिथि चन्द्रेश तिवारी ने कहा कि स्वच्छता ही सेवा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से बेकार पड़ी वस्तुओं के उपयोग और बुजुर्गों के अनुभव से सीख लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि पारंपरिक ज्ञान को युवा ऊर्जा से जोड़ा जाए तो स्वच्छता की दिशा में ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं। कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रकाश चन्द्र घासल ने अपशिष्ट से संपदा विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के साथ कुर्मांचल एकेडमी कोसी, ज्ञान विज्ञान चिल्ड्रन एकेडमी हवालबाग और केंद्रीय विद्यालय अल्मोड़ा के विद्यार्थियों सहित कुल 165 प्रतिभागियों ने भाग लिया। बच्चों ने अपशिष्ट सामग्री से तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाकर यह संदेश दिया कि बेकार समझी जाने वाली वस्तुओं से भी उपयोगी और आकर्षक चीजें बनाई जा सकती हैं। कार्यक्रम का समन्वयन अनुराधा भारतीय, संथिया एस., रेनू सनवाल, जगदीश कुमार आर्या, नगेन्द्र कुमार पाठक और आकांक्षा ने किया। संचालन संथिया एस. ने किया, जबकि आभार ज्ञापन रेनू सनवाल ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और बच्चों की प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ हुआ।
