अल्मोड़ा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत सृजित मेडिकल सोशल वर्कर संवर्ग के पदनाम में बदलाव किया गया है। अब इन्हें केंद्र सरकार और एम्स की तर्ज पर ‘मेडिकल सोशल वेल्फेयर ऑफिस’ के नाम से जाना जाएगा। इस संबंध में चिकित्सा विभाग के सचिव आर. राजेश कुमार द्वारा शासनादेश जारी किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों और एनएमसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मरीजों की सामाजिक स्थिति का आकलन और सामाजिक कल्याण के कार्यों के लिए बनाए गए इस संवर्ग के दस पद सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान, अल्मोड़ा में भी सृजित हैं। अब तक इन पदों को ‘चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता’ के नाम से जाना जाता था, जबकि केंद्र और स्वायत्तशासी संस्थानों में यह पदनाम पहले ही संशोधित किया जा चुका था। पदनाम परिवर्तन की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे पूरा किए जाने पर संवर्ग में खुशी का माहौल है। इस अवसर पर संवर्ग के सदस्यों ने मिष्ठान्न वितरित कर उत्सव मनाया। चिकित्सा शिक्षा निदेशक अजय कुमार आर्य, प्राचार्य सी. पी. भैंसोडा, चिकित्सा अधीक्षक अमित कुमार सिंह, नोडल अधिकारी अनिल पांडे, अशोक कुमार और महेंद्र पंत ने संवर्ग को बधाई देते हुए कहा कि सभी मेडिकल सोशल वेल्फेयर ऑफिसर अपने कौशल का उपयोग संस्थान और जनहित में करते हुए नए पदनाम को सार्थक बनाएंगे। इस अवसर पर अरुण कुमार बडोनी, हेम बहुगुणा, नरेश कुमार आगरी, विनय कुमार जोशी, दीप चंद्र, अतुल कांत, मोहम्मद इकबाल, ममता बोरा और यशवंत सिंह रावत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज के सामाजिक कार्यकर्ता अब कहलाएंगे ‘मेडिकल सोशल वेल्फेयर ऑफिसर’

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