अल्मोड़ा। कुमाऊं के अंतिम राजा आनंद सिंह देवज्यू की 139वीं जयंती सोमवार को ड्योढ़ी पोखर स्थित जगदंबा दरबार में श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोगों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। कार्यक्रम की शुरुआत चंद वंश के उत्तराधिकारी परिवार के सदस्यों द्वारा नंदा देवी मंदिर में दर्शन कर कुलदेवी के चरणों में शीश नवाने से हुई। इसके बाद राजपुरोहित वंशज नागेश चंद्र पंत ने राजा आनंद सिंह देवज्यू की प्रतिमा का स्नान कराकर उन्हें चंदन, रोली और अक्षत अर्पित किए और गीता के श्लोकों के उच्चारण के बीच पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में वक्ताओं ने राजा आनंद सिंह देवज्यू के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे सर्वधर्म प्रेमी, विद्वान, वैद्य, ज्योतिषी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने कुमाऊं रेजीमेंट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई और किसानों को सेब और आलू जैसी नकदी फसलों की ओर प्रेरित किया। पर्यावरण के प्रति गहरे लगाव के कारण उन्होंने पहाड़ के जलस्रोतों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनकी आवाज ने उस दौर में कुमाऊं में स्वतंत्रता की अलख जगाई थी। जयंती समारोह में चंद वंशज सोमेश्वर राज चंद्र सिंह, मेयर अजय वर्मा, पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष आनंद सिंह बगड़वाल, कैलाश गुरुरानी, मनोज जोशी, दिनेश पांडे, हेमलता वर्मा, हरीश पंत, दिनेश पंत, आदित्य पंत, देवेश पंत, चंद्रेश पंत, कार्तिकेय पंत, विजया पंत, हेम पंत, रक्षित पंत और ज्योत्सना पंत सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन दिनेश पंत ने किया। जयंती के इस मौके पर उपस्थित लोगों ने राजा आनंद सिंह के समाज, पर्यावरण और स्वतंत्रता संग्राम में किए गए योगदान को याद करते हुए उन्हें युगपुरुष की संज्ञा दी और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
ड्योढ़ी पोखर स्थित जगदंबा दरबार में मनाई गई राजा आनंद सिंह देवज्यू की 139वीं जयंती

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