अल्मोड़ा। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में गुरुवार को लखपति दीदी योजना और रीप (हिमोत्थान) योजना की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने दोनों योजनाओं की प्रगति का विस्तार से जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि लखपति दीदी योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक दीदी को सालाना कम से कम एक लाख रुपये की आय सुनिश्चित करना लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं के प्रभाव को मापने के लिए आउटपुट का स्पष्ट डेटा तैयार किया जाए और यह आकलन किया जाए कि महिलाओं की आजीविका और आर्थिक स्थिति में कितना सुधार हुआ है। बैठक में रीप योजना के तहत उद्यमिता को बढ़ावा देने, स्वयं सहायता समूहों की इकाइयों को सशक्त बनाने और विपणन सहयोग उपलब्ध कराने पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्पादन और विपणन की मजबूत व्यवस्था विकसित की जाए, ताकि ग्रामीण स्तर पर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में अब तक 6,292 स्वयं सहायता समूह गठित किए जा चुके हैं, जिनसे 42,854 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। जिले में 829 ग्राम संगठन बने हैं और लखपति दीदियों की संख्या बढ़कर 14,296 हो गई है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा, जिला विकास अधिकारी एस. के. पंत, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी योगेश अग्रवाल, परियोजना प्रबंधक रीप राजेश मठपाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। योजनाओं का प्रस्तुतीकरण गंगा आर्या ने पावर प्वाइंट के माध्यम से किया।
जिलाधिकारी ने की लखपति दीदी और रीप योजना की समीक्षा बैठक

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