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धौलादेवी, लमगड़ा व भैसियाछाना की समस्याओं को लेकर डीएम से मिला प्रतिनिधिमंडल


अल्मोड़ा। धौलादेवी, भैसियाछाना और लमगड़ा विकासखंडों की विभिन्न ज्वलंत समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे से भेंट की और उनके माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रह्मानंद डालाकोटी, गोपाल सिंह गैड़ा और पर्वतीय कृषि रक्षा समिति ने संयुक्त रूप से किया। ज्ञापन में जंगली जानवरों विशेषकर बाघ, लंगूर और जंगली सूअरों से जान-माल व फसलों की सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिंग की व्यवस्था करने की मांग की गई है। साथ ही बंदरों और सूअरों की संख्या नियंत्रित करने के लिए बंध्याकरण अभियान चलाने की जरूरत बताई गई। प्रतिनिधिमंडल ने मनीअगर से खोला तक सड़क की मरम्मत और खोला से खसपड, भगवती मंदिर होते हुए घटेघार जीनाड तक तीन किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने की मांग भी रखी। उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान चिह्नीकरण से वंचित रहे आंदोलनकारी कर्मचारी और शिक्षकों को चिन्हित कर लाभ दिलाने की अपील भी ज्ञापन में की गई। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रामनगर से जागेश्वर मंदिर के समीप मिरतोला आश्रम की तलहटी, खोला-खसपड होते हुए भगवती गुफा मंदिर तक सुयाल नदी के किनारे रेल लाइन की स्वीकृति की मांग प्रमुखता से उठाई गई। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े धौलादेवी, लमगड़ा और भैसियाछाना विकासखंडों को विशेष श्रेणी में शामिल करने या संविधान की पांचवीं अनुसूची में रखने की मांग भी की गई, जिससे क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित किया जा सके और निरंतर हो रहे पलायन पर प्रभावी रोक लगाई जा सके। प्रतिनिधिमंडल में गोपाल सिंह गैड़ा, पर्वतीय कृषि रक्षा समिति के संयोजक ब्रह्मानंद डालाकोटी के अलावा केशव दत्त मिश्रा, दौलत सिंह बगड़वाल, भीम सिंह बगड़वाल, हरीश डालाकोटी, शिवदत्त पांडे, प्रताप राम, गोपाल सिंह बनौला, बसंत जोशी और देबनाथ शामिल रहे।

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