अल्मोड़ा। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर रविवार को चौघानपाटा स्थित एक निजी होटल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने उनके जीवन, सिद्धांतों और देश के प्रति उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की। गोष्ठी की शुरुआत नगर अध्यक्ष विनीत बिष्ट के संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। रवि रौतेला ने उन्हें “राष्ट्र के अमर सपूत” बताते हुए कहा कि उन्होंने देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि धारा 370 के विरोध में मुखर्जी का संघर्ष उनकी राष्ट्रभक्ति का प्रतीक था, जिसे वर्तमान सरकार ने समाप्त कर उनके सपने को साकार किया। जिला उपाध्यक्ष कैलाश गुरुरानी ने मुखर्जी के राजनीतिक, शैक्षिक और वैचारिक योगदानों को याद करते हुए कहा कि वे केवल एक राजनेता नहीं बल्कि भारत के भविष्य की दिशा तय करने वाले महान विचारक थे। मेयर अजय वर्मा ने भी उन्हें याद करते हुए कहा कि मुखर्जी मानते थे कि कोई भी राष्ट्र अपनी आंतरिक शक्ति से ही सुरक्षित रह सकता है। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गोविंद पिल्खवाल ने मुखर्जी के दूरदर्शी दृष्टिकोण को सराहा। उन्होंने बताया कि शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और परमाणु नीति जैसे विषयों पर मुखर्जी की सोच अपने समय से कहीं आगे थी। उन्होंने शिक्षा को स्वाभिमान से जोड़ा और कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने। कार्यक्रम का संचालन नगर महामंत्री अर्जुन बिष्ट और देवेंद्र भट्ट ने संयुक्त रूप से किया। बैठक में मनोज जोशी, मीरा मिश्रा, राहुल जोशी, आनंद भोज, कमल वर्मा, मनोज सनवाल, दीपा अधिकारी, कविता वर्मा, प्रीति रस्तोगी, कमला तिवारी, ललित मेहता, संदीप श्रीवास्तव, मनीष जोशी, दीपक भंडारी, निशा बिष्ट, भारत भूषण, रमेश मेरी, पूरन रावत और नरेश बिष्ट सहित कई कार्यकर्ता व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती पर गोष्ठी की गई आयोजित

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