अल्मोड़ा। ताकुला क्षेत्र पंचायत समिति के पांच वर्षीय कार्यकाल में महज तीन बैठकें होने का खुलासा हुआ है। यह जानकारी ग्राम सूपाकोट निवासी सेवानिवृत्त सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चन्द्र पांडे को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिली है। उन्होंने जून माह में ब्लॉक के लोक सूचना अधिकारी से बैठक विवरण, स्वीकृत योजनाओं और व्यय की जानकारी मांगी थी। खण्ड विकास अधिकारी खजान चन्द्र जोशी ने आवेदक से शुल्क प्राप्त करने के बाद 574 पृष्ठ की सूचना उपलब्ध कराई। इसके अनुसार प्रमुख मीनाक्षी आर्या की अध्यक्षता में समिति की पहली बैठक 4 मार्च 2020, दूसरी बैठक 4 जून 2024 और तीसरी बैठक 30 जुलाई 2024 को हुई। जबकि पंचायतीराज अधिनियम की धारा 66 में स्पष्ट प्रावधान है कि हर तिमाही में कम से कम एक बैठक होनी चाहिए। इस हिसाब से पांच साल में न्यूनतम 20 बैठकें होनी आवश्यक थीं। सूचना में यह भी सामने आया है कि दूसरी बैठक में समितियों में बिना कारण बदलाव कर दिया गया और 15वें वित्त एवं पंचम राज्य वित्त के अंतर्गत 88 लाख की 66 योजनाओं का चयन किया गया। तीसरी बैठक में 20 लाख की लागत से 15 कार्ययोजनाओं को स्वीकृति मिली। पांडे का कहना है कि कार्य पंजिका के अनुसार करोड़ों रुपये की योजनाएं बिना नियमित बैठक के ही मंजूर और व्यय की गईं, जिससे गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ताकुला क्षेत्र पंचायत में पांच साल में केवल तीन बैठकें, पंचायतीराज अधिनियम का उल्लंघन उजागर

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