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पैलेटिव केयर यूनिट में स्थापित होगी फिजियो गोलाइट मशीन, असाध्य रोगियों को मिलेगी राहत

अल्मोड़ा। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पैलेटिव केयर यूनिट में असाध्य रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए उपचार की सुविधाएं और अधिक उन्नत हो रही हैं। अब ऐसे मरीजों को इलेक्ट्रो और अल्ट्रासोनिक थेरेपी के जरिये राहत प्रदान की जाएगी। इसके लिए अस्पताल में फिजियो गोलाइट कॉम्बो मशीन की स्थापना की जा रही है, जिससे रीढ़, सियाटिका, टेनिस एल्बो, फ्रोजन शोल्डर और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को फायदा मिलेगा। एनेस्थीसिया विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आदित्य चौहान ने बताया कि यह एडवांस थेरेपी मशीन अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपचार में उपयोग की जाएगी, साथ ही इसकी लाइटवेट संरचना के कारण इसे आउटरीच कार्यक्रमों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी ले जाकर जरूरतमंदों को सेवा दी जा सकेगी। मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल में पहले से ही असाध्य रोगियों के लिए पैलेटिव केयर यूनिट कार्यरत है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टर ओपीडी और भर्ती दोनों स्तरों पर उपचार उपलब्ध करा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि असाध्य रोगियों को राहत देने के लिए मॉर्फिन जैसी विशिष्ट दवाएं जरूरी होती हैं, जो सामान्य दुकानों में उपलब्ध नहीं होतीं और महंगी होने के कारण सभी की पहुंच से बाहर रहती हैं। अस्पताल में इन दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। पैलेटिव केयर यूनिट की विभागाध्यक्ष प्रो. उर्मिला पलड़िया ने कहा कि लाइलाज बीमारी से जूझ रहे मरीजों को उचित देखभाल, पौष्टिक खानपान और समय पर दवा मिलना अत्यंत आवश्यक है, ताकि उन्हें असहनीय दर्द से राहत मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि परिजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और इच्छुक लोगों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर इस सेवा से जोड़ा जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैंसोड़ा ने जानकारी दी कि उपलब्ध संसाधनों में अस्पताल बेहतर सेवाएं दे रहा है और जल्द ही कुछ और अत्याधुनिक मशीनें भी मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि डायलिसिस सुविधा के लिए हंस फाउंडेशन की मदद से छह बेड संचालित हैं और संस्था की मंशा पर यह संख्या 30 तक बढ़ाई जा सकती है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए शासन स्तर पर प्रयास जारी हैं। इस अवसर पर डॉक्टर अनिल पांडे समेत अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी कार्यक्रम में जानकारी साझा की।