वनाग्नि रोकथाम को लेकर प्रशासन सख्त, आग लगाने पर होगी कड़ी कार्रवाई


अल्मोड़ा। जिले में वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण और बहुमूल्य वन संपदा को होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिलाधिकारी एवं जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अंशुल सिंह ने बताया कि विगत वर्षों में वनों में लगी आग से राष्ट्रीय वन संपदा को अपूरणीय क्षति हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर से वनाग्नि की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड शासन के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के शासनादेश के तहत वनाग्नि को आपदा घोषित किया गया है। इसके बावजूद संबंधित विभागों और आम जनमानस की ओर से लापरवाही के कारण समय-समय पर आगजनी की घटनाएं सामने आती रही हैं, जिससे वनों के साथ-साथ पर्यावरण और जैव विविधता को भी भारी नुकसान होता है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि 1 मार्च 2026 से ग्रीष्मकालीन मौसम की समाप्ति तक किसी भी स्थिति में अपनी नाप भूमि या बेनाप भूमि में आग न लगाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि पूर्व के वर्षों में यह भी देखने में आया है कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा जानबूझकर या व्यक्तिगत रंजिश के चलते वनों में आग लगाई गई। ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में यदि कोई भी व्यक्ति आग लगाते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आगजनी की किसी भी घटना की सूचना तत्काल जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के दूरभाष नंबर 05962-237874 और 05962-237875 अथवा मोबाइल नंबर 7900433294 पर दी जा सकती है। इसके अलावा वनाग्नि नियंत्रण कक्ष के नंबर 9456596650 और 9456596651, राज्य स्तरीय वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष 0135-2744558, व्हाट्सएप नंबर 9389337488 तथा टोल फ्री नंबर 18001804141 पर भी सूचना देने की व्यवस्था की गई है।