बालिका निकेतन में रेस्क्यू की बालिकाओं से मिली बाल आयोग अध्यक्ष

देहरादून(आरएनएस)।  आईएसबीटी से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) द्वारा रेस्क्यू की गई तीन बालिकाओं से उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने गुरुवार को राजकीय बालिका निकेतन केदारपुरम में मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। ये लड़कियां संभवतः अन्य राज्यों से आई थी और संदेहास्पद परिस्थिति में घूम रही थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाकर बाल संरक्षण टीम को सूचित किया। डॉ.गीता खन्ना ने उनके परिवारों, गृह स्थान और हालात के बारे में जानकारी ली। बालिकाओं से बातचीत के दौरान पता चला कि इनमें से एक बालिका सिलीगुड़ी की है एवं अपने सौतेले पिता के अत्याचारों से परेशान हो कर घर से निकल गयी। अन्य दोनों बालिकाएं सगी बहनें हैं जो कि छतरपुर बिहार निवासी है। उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी उसके बाद से वह अपने चाचा-चाची के साथ गांव में रहती थी। जहां उनके साथ दुर्व्यवहार होने के कारण वह घर से दिल्ली की ओर निकल गई। तीनों बालिकाओं को अच्छे पैसे और नौकरी के लालच में एक व्यव्क्ति द्वारा दिल्ली से देहरादून लाया गया। जिसने दून में उन्हें एक फ्लैट में रखा। यहीं उनकी बिक्री की बात की जा रही थी। घबराकर, तीनों लड़कियों ने रात में भागने का निर्णय लिया और चादर के सहारे नीचे कूदकर फरार हो गईं। डॉ. खन्ना ने बच्चियों को आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं। ये लोग बालिकाओं को बेचने के लिए गाजियाबाद में अपने साथी से संपर्क कर रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की। डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए चिंताजनक हैं और हमें मिलकर बाल अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल संबंधित विभाग को दें।