रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सहयोग से भगवान शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण में भारतीय विवाह संस्कार की महत्ता और दाम्पत्य मर्यादा विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। जिसमें विवाह संस्कार को लेकर वक्ताओं ने विस्तार से जानकारी दी। त्रियुगीनारायण में आयोजित व्याख्यानमाला का शुभारंभ केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल के प्रतिनिधि विनोद देवशाली व निर्वतमान प्रधान प्रियंगा योगी तिवारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुरेशानंद गौड व सच्चिदानंद सेमवाल ने विवाह किस प्रकार व कैसे किया जाना चाहिए, इस पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि विवाह संस्कार को विधि विधान से करने पर ही दाम्पत्य जीवन सुखमय व आनंददायक बनता है। कहा कि त्रियुगीनारायण मंदिर में इस समय वैश्विक जगत के वैवाहिक बंधने वाले इस पवित्र स्थान पर अपना वैवाहिक संस्कार संपादित कर रहे है। स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए निकट भविष्य में भी समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में चेतना और जागरूकता का समावेश होता है। कार्यक्रम संयोजक सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा मनसाराम मैंदुली ने कार्यक्रम में मौजूद भी अतिथियों और ग्रामीणों का धन्यवाद किया। इस मौके पर डा. हरीश गुरुरानी, सत्यप्रकाश गौड, नित्यानंद पोखरियाल, टीकाराम जमलोकी, परशुराम सच्चिदानंद, हरिकृष्ण, अनीता देवी, विश्वेश्वरी देवी के साथ ही महिलाअमंगल दल, युवक मंगल दल से जुड़े और क्षेत्रीय जनता मौजूद रही।
भारतीय विवाह की महत्ता व दाम्पत्य मर्यादा पर रखे विचार
