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दिल्ली के वेदमूर्ति पुरी को दी महामंडलेश्वर की उपाधि

हरिद्वार(आरएनएस)।  हरिद्वार स्थित मां मनसा देवी चरण पादुका मंदिर परिसर में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की ओर से पट्टाभिषेक समारोह आयोजित किया गया। दिल्ली निवासी स्वामी वेदमूर्ति पुरी को विधिवत वैदिक रीति से महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई। यह समारोह श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज के सान्निध्य में संपन्न हुआ। पट्टाभिषेक के बाद श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर वेद मूर्ति पुरी अब देश और विदेश में सनातन धर्म, संत परंपरा और अखाड़ा संस्कृति के प्रचार-प्रसार का कार्य करेंगे। संत समाज को अब आश्रमों की सीमा से बाहर निकलकर हिंदू समाज के हित में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने 2027 के चुनावों में भी संतों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता जताते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और राष्ट्रहित में संतों की आवाज और मुखर होनी चाहिए। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि ने कहा कि उनका जीवन सनातन धर्म और अखाड़ा परंपराओं की सेवा को समर्पित रहेगा। उन्होंने कहा कि आज जब धर्म पर सांस्कृतिक हमले हो रहे हैं, ऐसे में संतों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि ने कहा कि वर्तमान में धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए संत समाज को एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह कालखंड हिंदू धर्म के लिए निर्णायक साबित हो सकता है, इसलिए सभी संतों को सामाजिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी निभानी होगी। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने भी भाग लिया।