अल्मोड़ा। उत्तराखंड की स्थायी राजधानी को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए 15 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ऐतिहासिक आंदोलन के माध्यम से बना राज्य है और इसके 25 वर्ष पूरे होने में अब कुछ ही समय शेष है। उन्होंने याद दिलाया कि राज्य आंदोलन के दौरान गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाने की बात तय हुई थी। कुंजवाल ने भाजपा से मांग की कि वह अपनी नीति स्पष्ट करे, अन्यथा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और गैरसैंण राजधानी समर्थकों के साथ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कुंजवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने गैरसैण में विधानसभा भवन, विधायक आवास, सड़क, बिजली और पेयजल जैसी सुविधाओं के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये खर्च किए थे। मिनी सचिवालय के लिए टोकन मनी भी स्वीकृत की गई थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, लेकिन भाजपा सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाने में असफल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी की आधिकारिक घोषणा के बावजूद वहां किसी मंत्री या अधिकारी ने कार्यालय नहीं खोला। कुंजवाल ने भाजपा सरकार पर पहाड़ के मामलों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि 15 अप्रैल तक गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाने को लेकर ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो वे कठोर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
गैरसैण को स्थायी राजधानी बनाने की कुंजवाल ने उठाई मांग

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