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बिनसर अभयारण्य अब अपनी नैसर्गिक सुंदरता के बजाय वनाग्नि क्षेत्र के रूप में जाना जा रहा है:पी.के. धौलाखंडी


अल्मोड़ा। प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा, पी.के. धौलाखंडी ने लोक प्रबंध विकास संस्था द्वारा भैंसोड़ी में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में वनाग्नि को गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि बिनसर अभयारण्य अब अपनी नैसर्गिक सुंदरता के बजाय वनाग्नि क्षेत्र के रूप में जाना जा रहा है, और इस तस्वीर को बदलने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। 24 नवंबर को आयोजित प्रतियोगिता में ताकुला, हवालबाग और भैंसियाछाना विकासखंड के 36 विद्यालयों के 463 बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में ‘गांव से बढ़ता पलायन’, ‘वनाग्नि- कारण एवं निदान’ और ‘आपको कौन सी ऋतु अच्छी लगती है’ जैसे विषय दिए गए थे। प्रतियोगिताओं के विजेताओं में राजकीय इंटर कॉलेज भाकूना की सलोनी भाकुनी, पायल आर्या, श्री राम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज डोटियाल गांव की आरती बिष्ट और राजकीय प्राथमिक विद्यालय डोटियाल गांव की पायल बिष्ट को पुरस्कृत किया गया। उपखंड विकास अधिकारी आनंद बल्लभ भट्ट ने संस्था के प्रयासों की सराहना की, जबकि लोक प्रबंध विकास संस्था के संचालक ईश्वर जोशी ने बताया कि यह प्रतियोगिता पिछले 28 वर्षों से आयोजित की जा रही है। समारोह में विलेज वेज की निदेशक मनीषा पांडे और पहरू के संपादक डॉक्टर हयात रावत ने भी बच्चों की प्रतिभा और कुमाऊनी भाषा व संस्कृति को बचाने पर जोर दिया। कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल, सरपंच दिनेश पिलख्वाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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