सहकारिता सम्मेलन में महिलाओं और किसानों को दी गई योजनाओं की जानकारी
देहरादून। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर प्रदेशभर में सहकारिता के क्षेत्र में जागरूकता और संवाद कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सभागार में महिला किसानों, महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी संगठनों के लिए कृषि एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया।
सहकारिता मंत्री ने देहरादून जिले के किसान और महिला सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में नए आइडिया के साथ एक मॉडल स्थापित किया जाए। विभाग की ओर से हर संभव सहायता और तकनीकी सहयोग दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जनपद देहरादून में 50,000 महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाकर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि जिले की 401 ग्राम सभाओं में बहुउद्देशीय समितियां बनाई जाएंगी, जो मत्स्य, डेयरी और अन्य क्षेत्रों में काम करेंगी। केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य किसानों को प्रगतिशील बनाना है। जल्द ही युवा सहकारिता और जनजातीय सहकारिता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जहां किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। यदि बड़े कार्य करने हैं तो लकीर से बड़ी लकीर खींचनी होगी। केवल बातें करने से विकास नहीं होता, उसके लिए धरातल पर काम करना आवश्यक है।
इस अवसर पर कैतलया देवता महिला स्वयं सहायता समूह और कामयाब महिला स्वयं सहायता समूह, भनियावाला को पांच-पांच लाख रुपये का बिना ब्याज का ऋण वितरित किया गया। साथ ही, दीपिका नेगी (चेतना महिला सहायता समूह), लक्ष्मी शर्मा (नई दृष्टि स्वयं सहायता समूह), वकील हसन (जैविक धान उत्पादन), मुकेश तोमर (जैविक खेती), सूरत सिंह (अदरक की खेती) और कृष्ण स्वयं सहायता समूह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सहकारिता विभाग के अधिकारी, जिला सहकारी बैंक के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में किसान तथा महिला सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं मौजूद रहीं।